पीजी लाइन का सफर
बात सन् 2003 की है। मैंने ईटीवी (ईनाडू टेलीविजन, जो अब नेटवर्क 18 हो चुका है) की नौकरी छोड़कर सहारा न्यूज चैनल को ज्वाइन किया था। तबतक सहारा मीडिया के क्षेत्र में एक स्थापित नाम हो चुका था। सहारा पहली बार 24 घंटे का रीजनल चैनल शुरु करने का प्लान लेकर आया था। हिन्दी भाषी क्षेत्रों में तबतक ईटीवी ही न्यूज की दुनिया में छाया हुआ था। लेकिन ईटीवी मूल रुप से मनोरंजन चैनल था। इसमें बीच-बीच में न्यूज बुलेटिन प्रसारित होते थे। शाम सात बजे प्रसारित होने वाला बिहार-झारखंड बुलेटिन तबतक लोगों में खासा लोकप्रिय हो चुका था। शाम सात बजे पहले बिहार और फिर साढ़े सात बजे झारखंड की खबरें आती थ